महराजगंज, उत्तर प्रदेश: भुगतान की समस्या, खाद के दाम में बढोतरी और श्रमिकों की कमी आदि समस्याओं के बावजूद किसान गन्ने की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे है।
अमर उजाला डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, महराजगंज जिले की बात की जाए तो साल 2020 में जिले में गन्ने की खेती का क्षेत्रफल 16500 था। इस साल इसमें करीब 1400 से अधिक हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई है। कुछ साल पहले तक जिले में फरेंदा, घुघली, सिसवा व गड़ौरा में चीनी मिल शुरू थी। बाद में गलत प्रबंधन के चलते फरेंदा व घुघली चीनी मिल बंद हो गई। दो वर्ष तक गड़ौरा चीनी मिल नहीं चली। प्रशासन, गन्ना विभाग व मिल प्रबंधन के प्रयासों से दो साल से बंद पड़ी गड़ौरा चीनी मिल 2020-21 के पेराई सत्र शुरू हुई है।
ISMA द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले सीजन में उत्तर प्रदेश में गन्ने का रकबा 23.12 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है, जबकि 2020-21 सीजन में 23.07 लाख हेक्टेयर था। ISMA उपज के साथ-साथ चीनी रिकवरी में मामूली वृद्धि की उम्मीद कर रहा है और इस प्रकार 2021-22 सीजन में इथेनॉल के उत्पादन के लिए डायवर्जन के बिना अनुमानित चीनी उत्पादन लगभग 119.27 लाख टन होने की उम्मीद है।