पुणे : जब राज्य को कोयले की किल्लत के परिणामस्वरूप गर्मी के मौसम में बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा था, तब चीनी उद्योग राज्य के बचाव में आया था। महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने अपने को- जनरेशन प्लांट से 675.57 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन किया और बिजली बेचकर 2,428 करोड़ रुपये कमाए। चीनी आयुक्तालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चीनी उद्योग ने 2020-21 के पेराई सत्र के दौरान 675.57 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन किया, जिसमें से 384.30 करोड़ यूनिट बिजली बेची गई, जबकि शेष 212.99 करोड़ यूनिट की खपत स्वयं मिलों द्वारा हुई। चूंकि मिलें स्वयं द्वारा उत्पन्न बिजली का उपयोग करते थे, इससे राज्य बिजली पर बोझ कम करने में भी मदद मिली।
महाराष्ट्र में ऐतिहासिक रूप से सबसे अधिक चीनी का उत्पादन करने वाले अपने 2021-22 सीजन मंगलवार को बंद हुआ , और साथ ही राज्य में 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले अगले सीजन में रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है।
महाराष्ट्र की चीनी मिलों ने 137.27 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जो कि राज्य में चीनी उद्योग की स्थापना के बाद से अब तक का सबसे अधिक उत्पादन है।