करनाल : जिले में पराली जलाने के मामलों को कम करने के उद्देश्य से प्रशासन ने ग्रामीण स्तर पर माइक्रो मॉनिटरिंग की तैयारी शुरू कर दी है।ग्राम स्तर पर ग्राम सचिव, पटवारी और कृषि अधिकारी एक टीम का हिस्सा होंगे, जो बैठकें कर किसानों को पराली जलाने के नुकसान के बारे में जागरूक करेंगे। यह बात उपायुक्त अनीश यादव ने शहर के डॉ. मंगल सेन सभागार में पराली प्रबंधन पर आयोजित कार्यशाला के दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही।
यादव ने कहा, उपमंडल स्तर पर नोडल अधिकारी होंगे।पिछले साल (2022-23) जिले में 2021-22 की तुलना में पराली जलाने के मामलों में लगभग 65 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कहा, हमने पराली जलाने को शून्य प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है, जो सभी के लिए फायदेमंद होगा।उन्होंने किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहित करने की राज्य सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डाला, जिसमें पराली को आग न लगाने पर प्रति एकड़ 1,000 रुपये का प्रोत्साहन शामिल है। इस योजना के तहत जिला अब तक किसानों को 11.53 करोड़ रुपये वितरित कर चुका है। डीसी ने कहा, हम आईओसीएल पानीपत के इथेनॉल संयंत्र को भूसा उपलब्ध कराएंगे।