चिनी मिलोंसे बकाया राशी न मिलने कि वजह से गन्ना किसानों पर ब्याज का अतिरिक्त बोज

चिनी के अतिरिक्त उत्पादन कि वजह से चिनी उद्योग जिस गेहरे संकट से झुंज रहा है, इसकी वजह से गन्ना किसान अपनी फसलों की ऋण अदा करने में असमर्थ रहें है. इसलिए किसानों को ब्याज पर मिलने वाली सब्सिडी से हाथ धोना पढ़ रहा है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अभी संपन्न हुए मौसम में चिनी मिलोंको किसानों कि 180 करोड़ रुपियों कि राशी अदा करना बाकी है. इससे गन्ना किसान बहुत परेशानी से गुजर रहें है. केंद्र और राज्य सरकार से किसानों को फसल पर अनुमानित 6% और 1% ब्याज पर सहायता राशि सब्सिडी के तौर पर प्राप्त होती है. यह राशि होम क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों तक पहुंचाई जाती है. लेकिन यह फसलऋण लेने के बाद, 12 महीनों के भितर इस ऋणको अदा करना जरूरी होता है.

चिनी मिलों से गन्ना किसानों को बकाया राशि अदा करना अभी बाकी है, जिसकी वजह से किसान यह ऋण अदा करने में असमर्थता महसूस कर रहे हैं. पीलीभीत, बिलासपुर पूरनपुर और मझोला जिले में करीबन गन्ना किसान जिला या प्राथमिक मध्यवर्ती बैंक के माध्यम से कृषि ऋण का लाभ ले रहें हैं. यह ऋण 10.7 प्रतिशत के दर से किसानों को मुहैया किया जाता है, और इसका ब्याज सरकार अदा करती है. इसमें से 6.7 प्रतिशत ब्याज केंद्र सरकार और 1% ब्याज राज्य सरकार अदा करती है. इसमें से किसान को कुलमिलाकर सिर्फ 3 प्रतिशत ब्याज अदा करना पड़ता है. लेकिन इसके लिए जून माह का ऋण अदा करना जरुरी है. सिलेबस 290 करोड रुपयों का ऋण किसानों को दिया गया था. उसी तरह व्यावसायिक बैंकों के माध्यम से 9 प्रतिशत ब्याज दर से किसानों को ऋण मुहैया किया जाता है. जिसमें से 5% प्रतिशत ब्याज सरकार अदा करती है और 4% ब्याज किसानों को अदा करना पड़ता है. लेकिन सिर्फ 2 महीने के भितर यह ऋण अदा करने के बाद हि यह योजना किसानों को उपलब्ध हो सकती है. लेकिन गन्ना किसानों को अपनी मिलो से अदा राशी न मिलने से, इस लाभ से किसानों को वंचित रहना पढ़ सकता है.

SOURCEChiniMandi

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