उत्तर प्रदेश: कांग्रेस ने गन्ना मूल्य और चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति को लेकर सरकार पर साधा निशाना

नई दिल्ली : कांग्रेस इस चुनाव में गन्ना और चीनी उद्योग के मुद्दे को बार बार उठा रही है। बकाया गन्ना भुगतान और अन्य मुद्दों को लेकर सरकार पर कांग्रेस निशाना साध रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमरोहा में चुनावी रैली से पहले सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक है और फिर भी, भाजपा सरकार ने गन्ने की कीमत बढ़ाने के लिए किसानों के आह्वान को अनदेखा किया है।

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, यूपी में गन्ना मूल्य 360 रुपये प्रति क्विंटल हैं, जो पंजाब में 386 रुपये प्रति क्विंटल और हरियाणा में 391 रुपये प्रति क्विंटल से काफी कम हैं। उर्वरक और कीटनाशकों की बढ़ती लागत, कीमतों में बढ़ोतरी भी मुद्रास्फीति के साथ तालमेल बिठाने में विफल रही है और किसान अब इसके कारण संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा, पिछले तीन वर्षों में खेती का रकबा लगभग 4000 हेक्टेयर कम हो गया है।

उन्होंने चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति को लेकर जिसके कारण वे गन्ना भुगतान देने में समर्थ नहीं है के मुद्दे को भी उठाया। रमेश ने कहा, गन्ने की कमी के बीच, मिलें गन्ना किसानों को समय पर भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रही हैं और ऐसी आशंका है कि कुछ मिलें स्थायी रूप से बंद हो सकती हैं। उन्होंने दावा किया की, यह दुष्चक्र गन्ना किसानों और मिल श्रमिकों की आजीविका को खतरे में डाल रहा है, लेकिन भाजपा सरकार कहीं दिखाई नहीं दे रही है। भाजपा सरकार यूपी में गन्ना किसानों और मिल श्रमिकों के समर्थन के लिए क्या कर रही है?

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