कर्नाटक: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर देश भर में एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को त्याग करने के लिए अनेक और अनूठे प्रोग्राम किये जा रहे हैं। कर्नाटक के दरबार शैक्षणिक संस्थान ने प्लास्टिक त्यागने के अपने संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अनूठा तरीका अपनाया है।
इस संस्थान के अध्यक्ष राजेश दरबार ने कहा कि उनके संस्थान ने 2 अक्टूबर को पांच क्विंटल चीनी बांटने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि हम उन सभी लोगों को 1 किलो चीनी देंगे, जो उस दिन 1 किलो एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक हमारे पास लेकर आएंगे। उन्होंने कहा कि 150वीं गांधी जयंती को मनाने के लिए हम काफी समय से प्लान कर रहे थे औऱ हमने प्लास्टिक के बदले चीनी देने का अनोखा फैसला किया।
एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को इकठ्ठा करने के लिए हमने शहर के चार स्कूलों और कॉलेजों को शामिल किया है, जिनमें स्टेशन रोड पर दरबार हाई स्कूल, जेएम रोड पर बीबीए और बीसीए कॉलेज और कीर्ति नगर और गुरुपादेश्वर नगर में शम्स स्कूल हैं। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक देने पर कोई सीमा तय नहीं की गई है, हालांकि मात्रा एक किलोग्राम से कम नहीं होनी चाहिए। प्लास्टिक लाने वालों को भी अपने आधार कार्ड की कॉपियों को चीनी एकत्र करने के लिए लाना पड़ेगा। इसके बाद संस्था सभी प्लास्टिक को रीसाइक्लिंग के लिए नगर निगम को सौंप देगी।
श्री दरबार ने कहा कि हमारा उद्देश्य चीनी वितरित करना नहीं है बल्कि प्लास्टिक के खतरनाक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना है। हम चीनी केवल उन लोगों को देंगे जो हमें प्लास्टिक लाकर देंगे।
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