इस्लामाबाद:पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (PSMA) ने हाल के दिनों में ‘एफआईए’ की अगुवाई वाले जांच आयोग की फॉरेंसिक रिपोर्ट में ‘संदिग्ध बेनामी लेनदेन’ के आरोपों को खारिज कर दिया। पाकिस्तान सरकार ने मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद चीनी जांच आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है। सूचना मंत्री शिबली फ़राज़ ने कहा था की, पीटीआई सरकार दृढ़ता से शासन में जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा गुरुवार को सार्वजनिक की गई रिपोर्ट में, चीनी मिल मालिकों द्वारा सब्सिडी का दावा करने के लिए उत्पादन लागत को कम करने, बाजार में हेरफेर करने, उनकी बिक्री को कम करने, धोखाधड़ी करने और किसानों का शोषण करने का आरोप चीनी मिल मालिकों पर लगाये गये है।
इस साल की शुरुआत में, देश चीनी की आपूर्ति में कमी से जूझ रहा था, जिसके कारण कीमतों में भारी वृद्धि हुई थी, जिसके कारण सरकार की नीतियों की भयंकर आलोचना हुई, क्योंकि महंगाई से पीड़ित जनता पर और अधिक आर्थिक बोझ पड़ रहा था। प्रधान मंत्री इमरान खान ने इन घोटालों से मुनाफा कमाने के लिए दोषी पाए जाने पर “सख्त सजा” का वादा करते हुए एक जांच की घोषणा की थी। जाँच आयोग ने अपने रिपोर्ट में कहा था कि, इस साल अकेले चीनी संकट के दौरान कुछ चीनी समूहों ने हेरफेर से 100 बिलियन रुपये लाभ कमाया। PSMA ने कहा कि, आयोग ने वही गलतियाँ की हैं जो पहले की जांच समिति ने अपने शुरुआती निष्कर्षों में की थीं। आयोग के सदस्य वही व्यक्ति थे जो पहले जांच समिति का भी हिस्सा थे। एसोसिएशन ने कहा कि, आयोग ने अपनी रिपोर्ट में तथ्यों को तोड़ मरोड़ के पेश किया है। आयोग चीनी उद्योग की खरीद और पेराई प्रक्रियाएं जैसे जमीनी हकीकत से अनजान था। कोई भी व्यवसाय आयोग द्वारा निर्धारित उत्पादन मॉडल के अनुसार काम नहीं कर सकता है।
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