उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें अब किसानों को समय पर भुगतान कर रही हैं, राज्य की 120 चीनी मिलों में से 100 मिलों ने एक सप्ताह के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘कृषिका-खेती से समृद्धि तक’ कार्यक्रम में बोलते हुए राज्य के गन्ना किसानों के कल्याण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गन्ना क्षेत्र में अब 120 चीनी मिलें चालू हैं, जिनमें से 100 मिल किसानों को एक सप्ताह के भीतर भुगतान कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा की उत्तर प्रदेश गन्ना, चीनी और एथेनॉल उत्पादन में पहले स्थान पर है, साथ ही भारत के आलू उत्पादन में 25% और मक्का उत्पादन में 30% का योगदान देता है। राज्य के किसानों ने धान, गेहूं, दलहन और तिलहन की खेती में रिकॉर्ड बनाए हैं। किसानों की कड़ी मेहनत और ‘डबल इंजन’ सरकार की पहल से प्रेरित इन उपलब्धियों ने देश की खाद्य टोकरी के रूप में यूपी के गौरव को बहाल किया है।
उन्होंने कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश – जिसके पास देश की केवल 11% भूमि है, लेकिन जो देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 20% का योगदान देता है – यदि प्रौद्योगिकी को अपनाया जाए तो वह अपना उत्पादन तीन गुना कर सकता है।
उन्होंने किसानों के मुद्दों का राजनीतिकरण करने के लिए विपक्ष की आलोचना की, जबकि वास्तविक प्रगति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय दिया। उन्होंने कहा की केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि उन्हें कभी दूसरों पर निर्भर न रहना पड़े। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड और पीएम फसल बीमा योजना और पीएम कृषि सिंचाई योजना जैसी प्रमुख योजनाओं पर प्रकाश डाला, जिससे कृषक समुदाय को लाभ हुआ है।