मैसूर: गुड़ की कीमत में वृद्धि से मैसूर और चामराजनगर जिलों के गन्ना किसानों के बीच खुशी का माहौल बना हुआ है। पेराई के लिए गन्ने की कम उपलब्धता, मजदूरों की समस्याओं और बेमौसम बारिश के कारण गुड़ के उत्पादन में कमी आई है। इससे इस सीजन में गुड़ की कीमत लगभग दोगुनी हो गई हैं। पिछले एक सप्ताह से एक क्विंटल गुड़ 3 हजार रुपये में बेचने वाले उत्पादक अब इसे 5500 से 6000 रुपये में बेच रहे हैं।
मैसूरु और चामराजनगर जिले प्रमुख गुड़ उत्पादकों में से एक हैं, और इस क्षेत्र के हजारों किसान 33,000 हेक्टेयर में गन्ने की खेती करते हैं। किसान न केवल चीनी मिलों को गन्ने की आपूर्ति करते हैं बल्कि स्थानीय गुड़ बनाने वाली इकाइयों को भी गन्ना भेजते है। दोनों ज़िलों में कुल 550 गुड इकाइयां हैं। यंहा के गुड के तमिलनाडु के अलावा मध्य प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल और राजस्थान के व्यापारी प्रमुख खरीदार हैं। मांग-आपूर्ति के अंतर के कारण पिछले 10 दिनों में गुड़ की कीमतों में 100% की वृद्धि हुई है। पिछले साल नवंबर से इस वर्ष अप्रैल तक गुड़ की केवल 2,800 रुपये से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल बिक्री हो रही थी। लेकिन पिछले सप्ताह से गुड की मांग बढ़ने से 5,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बिक्री हो रही हैं। यह अगले सप्ताह तक 6,500 तक बढ़ सकता है।
टीओआई से बात करते हुए, कृषि के संयुक्त निदेशक सीएस चंद्रशेखर ने कहा कि, पिछले कुछ महीनों में इस क्षेत्र में गुड़ उत्पादन में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में इसके स्वास्थ्य लाभों के कारण गुड़ की मांग भी हर साल बढ़ रही है।चंद्रशेखर ने कहा कि गुड़ की खपत में वृद्धि और कम उत्पादन सभी गुड़ की कीमतों में वृद्धि में योगदान दे रहे है।