मिलोंके बफर स्टॉकवाली चीनी को बँक १००% कर्ज देगी। रिझर्व्ह बँकने २००७ का निर्णय लागु किया जाए ऐसा आदेश सभी बँकोंको दिया हैं। इस निर्णयसे सभी मिलोंको राहत मिलेगी।
केंद्र सरकारने देशभर के 30 लाख मीट्रिक टन चीनी बफर स्टॉक करे ऐसा आदेश दिया। मिलोंके अनुसार कोटा भी तय किया है। एक साल के लिए इस स्टॉकपर सरकारकी मालकी रहेगी। इस चीनी का ब्याज, गोदाम किराया और बीमे की रक़मभी सरकार देगी।
सरकारने २९०० रूपये चीनी का प्रतिक़्वींटल भाव तय किया। लेकिन राज्य बँकने यही मूल्यांकन लेके मिलोंको ९०% रक्कम उठाने दिया है। इसमें गन्ने को प्रतिक़्वींटल १८६० रूपये एफआरपी मिलती हैं। मिले हुए पैसोसे मिलोंको एफआरपी ना देने से चीनी मिले शार्ट मार्जिन में गयी। आज देशभर चीनी का मूल्य प्रतिक़्वींटल ३१८० से ३२०० रूपये हैं। इसलिए राज्य बँकभी चीनी का मूल्यांकन बढ़ाये ऐसी उद्योगने मांग की। १ जून के बाद राज्य बँकने मूल्यांकन बढ़ाया नहीं लेकिन अप्रैल २०१८ में चीनी के दाम कम होने के कारण मूल्यांकन में हर बार प्रतिक्विंटल १०० से १५० रुपयोंकी कटोती की।
२००७ में रिझर्व्ह बँकने सभी बॅंकोंको चीनी मूल्यांकन के १००% कर्ज बफर स्टॉकवाली चीनी को देने के आदेश दिए थे। इसके बाद मिलोंको पैसेभी मिले। बफर स्टॉक निश्चित होकर १५ दिन लौट गये, इसलिए बॅंक २००७ का आदेश लागू करे ऐसी मांग चीनी संघने की। इसलिए आज रिझर्व्ह बँकने चीनी मिलोंको कर्ज देनेवाले बॅंकोंको बफर स्टॉकवाली चीनी को १००% कर्ज देने के लिए आदेश दिये।