पुणे / नई दिल्ली : राज्य सरकार ने राज्य में आर्थिक संकट से जूझ रही 13 सहकारी चीनी मिलों को 1898 करोड़ का ऋण देने का निर्णय लिया है। लेकिन अगर लाभार्थी चीनी मिलर्स की सूची पर नजर डालें तो पता चलता है कि, ये सभी चीनी मिलर्स बीजेपी और एनसीपी अजित पवार गुट की है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चीनी मिल मालिकों को वित्तीय ‘बूस्टर डोज’ देने का फैसला कितना फायदेमंद रहेगा, यह तो चुनाव नतीजों के बाद पता चलेगा।
‘एग्रोवन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कहा जा रहा है कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी पर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से कर्ज लेकर चीनी मिलों को देगी।दिलचस्प बात यह है कि, आचार संहिता लागू होने से पहले इस प्रस्ताव को कैबिनेट की उपसमिति ने मंजूरी दे दी थी।ऋण गारंटी प्रस्ताव एनसीडीसी को भेजा गया है और उनकी मंजूरी के बाद, ऋण राशि सरकार को जमा कर दी जाएगी।
कार्यशील पूंजी ऋण के लिए राज्य में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के चीनी मिलों के प्रतिनिधियों द्वारा सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया था। इस बीच, राज्य में आचार संहिता से पहले प्रस्ताव भेजने वाले मिलों की जांच करने और तदनुसार सरकार की गारंटी के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को ऋण प्रस्ताव भेजने के लिए सहकारिता मंत्री दिलीप वलसे-पाटिल की अध्यक्षता में एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया गया था।
इसमें समिति ने राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और बीजेपी को समर्थन देने वाली 13 चीनी मिलों का चयन किया।इनमें 5 बीजेपी के, 7 एनसीपी के और एक फैक्ट्री कांग्रेस विधायक की है।दिलचस्प बात यह है कि, बारामती लोकसभा क्षेत्र से आने वाले कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे को राजगढ़ शुगर फैक्ट्री (भोर) को 80 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी दी गई है।
अजित पवार गुट –
लोकनेते सुंदररावजी सोळंके शुगर फैक्ट्री (बीड) – 104 करोड़
किसनवीर (सातारा) – 350 करोड़
किसानवीर (खंडाला) – 150 करोड़
लोकनेते मारोतराव घुले पाटिल ज्ञानेश्वर फैक्ट्री (नेवासा) – 150 करोड़
अगस्ती (अहमदनगर) – 100 करोड़
अंबाजोगाई (बीड) – 80 करोड़
शिवाजीराव नागवडे (श्रीगोंदा) – 110 करोड़
बीजेपी से संबंधित-
संत दामाजी (सोलापुर) – 100 करोड़
वृद्धेश्वर (पाथर्डी) – 99 करोड़
सहकार महर्षि शंकरराव कोल्हे (कोपरगांव) – 125 करोड़
तात्यासाहेब कोरे वारणानगर (कोल्हापुर) – 350 करोड़
विट्ठलसाईं (धाराशिव) – 100 करोड़