चेन्नई : तमिलनाडु की कुछ निजी चीनी मिलों में मजदूरों के भुगतान और गन्ना किसानों को देय राशि का भुगतान न करने के मुद्दे पर पीएमके के संस्थापक डॉ. एस. रामदास ने राज्य सरकार के हस्तक्षेप की मांग की है।
एक बयान में उन्होंने आरोप लगाया कि, अरोरेन शुगर्स और अंबिका शुगर्स इन दो निजी चीनी मिलों में पिछले 9 महीनों से 500 से ज्यादा कर्मचारी की मजदूरी का भुगतान नही किया है, मजदूरी के भुगतान के मुद्दे पर पिछले कुछ दिनों से कर्मचारी विरोध कर रहे है और उनकी आजीविका प्रभावित हुई है। डॉ. रामदास ने कहा कि, इस मुद्दे पर कोई समाधान नहीं मिला है और उन दो चीनी मिलों ने तमिलनाडु के कृषि मंत्री डोरीक्कनु के निर्वाचन क्षेत्र में संचालित किया है।
तमिलनाडु में 1,347 करोड़ रुपये बकाया…
उन्होंने यह भी कहा कि, राज्य में 24 निजी चीनी मिलों द्वारा किसानों को 1,347 करोड़ रुपये का बकाया देना बाकी है और किसानों को सरकार से आश्वासन के बावजूद कुछ भी नहीं मिला है। डॉ. रामदास ने कहा कि, सरकार को तुरंत इन मुद्दों को हल करना चाहिए, और अगर ऐसा नहीं हो सकता है, तो इसे अपनी अक्षमता समझकर इस्तीफा देना चाहिए।