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पुणे: चीनीमंडी
चीनी आयुक्त ने सोमवार को गन्ना सत्र 2018-19 एफआरपी बकाया की लगभग 251 करोड़ राशि की वसूली के संबंध में 14 मिलों पर रिकवरी प्रमाण पत्र (आरआरसी) कार्रवाई का आदेश दिया। चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ की जब्ती के आदेश के बाद अब संबंधित जिलाधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे किसानों को समय पर बकाया भुगतान कराए।
गन्ना नियंत्रण आदेश 1966 के प्रावधानों के अनुसार, किसानों द्वारा मिलों को गन्ने की आपूर्ति की तारीख से 14 दिनों के भीतर एफआरपी का भुगतान करना अनिवार्य है। इस बारे में चीनी आयुक्त ने मिलों को परिपत्र दिया है। साथ ही, यदि निर्धारित अवधि में एफआरपी भुगतान नहीं होता है, तो विलंब अवधि के लिए 15% ब्याज का प्रावधान है।
बकाया एफआरपी मामले में चीनी आयुक्त द्वारा कई बार सुनवाई हुई है। चीनी आयुक्त द्वारा मिलों को बकाया भुगतान को लेकर अपनी बात रखने का अवसर देने के बाद भी, मिलों ने किसानों का बकाया भुगतान नही किया है। इसलिए, संबंधित 14 मिलों को एफआरपी की राशि और इस राशि पर 15% की दर से ब्याज देना होगा। चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार, मिलों द्वारा उत्पादित चीनी, गुड़ और बगास उत्पादों को बेचकर राशि की वसूली के आदेश जारी करके और गन्ना नियंत्रण आदेश 1966 के प्रावधानों के अनुसार राशि का भुगतान सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
मिल और बकाया भुगतान राशि (करोड़) :
किसनिवर-प्रतापगढ़ (सतारा) 24.63, विठ्ठल रिफ़ाइन्ड (सोलापुर) 26.71, जय भवानी (बीड) 30.24, रेणुका चीनी-रत्नप्रभा (सोलापुर) 15.73, बबनराव शिंदे (सोलापुर) 19.60, जयहिंद (सोलापुर) 16.24, पनगेश्वर (लातूर) 13.68, जयलक्ष्मी-शीला अतुल (उस्मानाबाद) 7.83, संत कुर्मदास (सोलापुर) 12.22, त्रिधारा (परभणी) 30.82, डेक्कन शुगर-सागर (यवतमाल) 2.75, गंगाखेड (परभणी) 32.01, योगेश्वरी (परभणी) 14.81, अंबानी शुगर (जलगाँव) 3.86