चाहे वो उत्तर प्रदेश हो या महाराष्ट्र सब जगह गन्ना बकाया का मुद्दा गरमाया हुआ है, क्यूंकि अगला पेराई सीजन शुरवात होने के कगार पर है लेकिन फिर भी बकाया चुकाया नहीं गया है। इसीको लेकर गन्ना किसान भी अब रस्ते पर उतर आये है।गन्ना बकाया जल्द से जल्द चुकाया जाए यह मांग को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से 17 सितंबर से लगभग 1500 किसान दिल्ली की ओर रुख कर रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को नोएडा पहुंच गया जहां कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की। लेकिन वार्ता का कोई परिणाम नहीं निकला। जिसके बाद किसानों वापस से दिल्ली की तरफ रुख किया। आज विरोध प्रदर्शन दिल्ली पहुँच जाएगा।
राजेंद्र यादव, राष्ट्रीय किसान संगठन, जो इस विरोध का नेतृत्व कर रहे है ने कहा, “उन्होंने हमसे बात करने के लिए किसी को भेजा। उसे हमारी मांगों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और वह कुछ भी वादा नहीं कर सकता था। हम केवल यह मांग कर रहे हैं कि हमारा अधिकार क्या है और यह खुद इस सरकार के लिए समझना बहुत मुश्किल हो गया है,”।
गन्ना किसानों की यह भी मांग है की उन्हें गन्ना का उच्च मूल्य मिले। किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर सवार होकर आ रहे हैं। पहले हुए किसानों के प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा को नजर में रखते हुए प्रशासन ने पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा है।
उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों के पास गन्ना किसानों का लगभग 6000 करोड़ रूपये अभी भी बकाया है, जिसमे निजी चीनी मिलों की संख्या सबसे ज्यादा है। गन्ना किसान और कई किसान संघठनों द्वारा प्रदेश में जगह जगह आंदोलन शुरू कर दिया है। आपको बता दे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चीनी मिलों को अगस्त 31 की डेडलाइन दी थी गन्ना बकाया चुकाने को लेकर, लेकिन जिसके बावजूद मिलें बकाया चुकाने में विफल रही है।
यादव ने कहा, “हम चाहते हैं कि चीनी मिलें हर साल समय पर भुगतान करें। हमें अपना भुगतान प्राप्त करने के लिए हर साल सड़कों पर उतरना पड़ता है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र देंगे कि वे हमारी मांगों पर गौर करें और आवश्यक कार्रवाई करें।”
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