सूडान में चीनी मिल में फंसे महाराष्ट्र के 170 लोगों को घर वापसी का इंतजार

कोल्हापुर: सूडान के अस्थिर स्थिति ने वहां रह रहे भारतीयों में भी दहशत फैला दी है। उन्हें डर है कि, हिंसा फैल सकती है और उनके सुरक्षित बाहर निकलने की संभावना कम हो सकती है।

द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, राजधानी खार्तूम में सूडानी सेना और अर्धसैनिक बल के बीच संघर्ष के चलते भारत सरकार ने वहां फंसे भारतीयों को निकालना शुरू कर दिया है। सुनसान खार्तूम से लगभग 450 किमी दूर व्हाइट नील राज्य में केनाना चीनी मिल है। इस मिल मे कई कर्मचारी भारतीय हैं, जिनमें से 170 से अधिक महाराष्ट्र के रहने वाले है, उनमें से ज्यादातर सांगली, कोल्हापुर और सतारा जिलों से हैं। सड़क मार्ग से, खार्तूम और चीनी मिल के बीच की दूरी को तय करने में छह घंटे लगते हैं।

केनाना चीनी मिल में काम करने वाले भारतीयों का मानना है कि, उन्हें भी जल्द से जल्द निकाला जाना चाहिए। उनकाे डर है कि, अगर संघर्ष फैला तो पोर्ट सूडान तक सड़क मार्ग से यात्रा करना मुश्किल हो जाएगा। सरकार ने ऑपरेशन कावेरी के जरिए खार्तूम से 336 भारतीयों के पहले जत्थे को निकाल लिया गया है। खार्तूम से, निकासी को पहले लाल सागर पर पोर्ट सूडान ले जाया गया, और बाद में नौसैनिक जहाजों पर सऊदी अरब के बंदरगाह शहर जेद्दाह ले जाया गया। जेद्दा से इन्हें एयरलिफ्ट कर भारत लाया गया है।

 

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