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सांगली : चीनी मंडी
वसंतदादा शुगर एसोसिएशन के निदेशक विकास देशमुख ने कहा कि, पश्चिमी महाराष्ट्र की भौगोलिक रचना गन्ना फसल के लिए उपयुक्त है। किसानों को 200 टन प्रति एकड़ तक उत्पादन प्राप्त करना आसान है। क्रांतिकारी डॉ. जी डी बापू लाड सहकारी चीनी मिल द्वारा आयोजित संगठित गन्ना किसानों के शिविर में वह मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। क्रांति उद्योग समूह के अध्यक्ष अरुण लाड की अध्यक्षता में यह शिविर हुआ।
देशमुख ने कहा कि, कुछ लोग कह रहे हैं कि, गन्ने की फसलों को अधिक पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। इसके विपरीत, गन्ना फसल किसी भी वातावरण में जीवित रह सकती है। रासायनिक उर्वरकों, पानी और श्रम को बचाने के लिए गन्ने में ड्रिप सिंचाई का उपयोग करें। वसंतदादा गन्ना शोध केंद्र के वैज्ञानिक आर.एस.हापसे ने कहा कि, भूमि के अनुसार गन्ने का चयन किया जाना चाहिए। अरुण लाड ने कहा, फायदेमंद खेती के लिए नई तकनीक का उपयोग विशेष लाभकारी है। अधिकांश किसानों को क्रांति मिल के गन्ना विकास सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए और पायलट परियोजना में भाग लेना चाहिए और उत्पाद को बढ़ाना चाहिए।
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