नई दिल्ली : चीनी मिलों द्वारा 2020-21 सीजन (अक्टूबर-सितंबर) का 4,445 करोड़ रुपये गन्ना भुगतान अब भी बकाया है, जिसमे सबसे ज्यादा बकाया उत्तर प्रदेश के मिलों के पास है। बकाया भुगतान में देरी से देश के लाखों गन्ना किसानों को आर्थिक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। सभी राज्य सरकारों द्वारा बकाया भुगतान के लिए चीनी मिलों को अल्टीमेटम दिया जाता है, फिर भी कई सारी मिलें भुगतान करने में विफल साबित हुई है।
खाद्य राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति द्वारा लोकसभा के समक्ष रखे गए आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 सीजन के दौरान किसानों को कुल 92,804 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था। जिसमें से 88,359 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है और शेष 4,445 करोड़ रुपये बकाया हैं।
2020-21 सीजन के दौरान बकाए में से, उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों द्वारा अधिकतम 3,752 करोड़ रुपये का गन्ना बकाया चुकाया जाना है, इसके बाद महाराष्ट्र 394 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ 64 करोड़ रुपये और हरियाणा की मिलों द्वारा 63 करोड़ रुपये भुगतान बकाया हैं। जबकि उत्तराखंड में किसानों को लगभग 52 करोड़ रुपये, गुजरात में 44 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश में 37 करोड़ रुपये, तमिलनाडु में 25 करोड़ रुपये और पंजाब में 9 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने की आवश्यकता है।