नई दिल्ली: गन्ने की कमी ने इस सीजन चीनी मिलों को बहुत परेशान किया, जिसका सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र और कर्नाटक में हुआ है। जिसके चलते इस सीजन कई चीनी मिलों ने जल्द ही पेराई खत्म कर दी है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के मुताबिक, 2019-20 सीजन के लिए जिन 449 चीनी मिलों ने पेराई शुरू की थी, उनमें से 23 चीनी मिलों ने गन्ना नहीं मिलने के कारण पेराई कार्य बंद कर दिया है। पिछले साल, इसी अवधि में 521 चीनी मिलों ने पेराई शुरू किया था, जिनमें से 19 ने पिछले साल की इसी तारीख को पेराई बंद कर दी थी।
आपको बता दे, महाराष्ट्र के पश्चिमी इलाके में तेज बाढ़ और मराठवाडा में सूखे के कारण गन्ना फसल क्षतिग्रस्त हुई थी, और तो और सूखे के कारण काफी सारे गन्ने का इस्तेमाल पशु शिविरों में चारे के रूप में किया गया, जिसका सीधा असर पेराई पर दिखाई दे रहा है। और गन्ना कटाई श्रमिक की समस्या ने भी चीनी मिलों को परेशान किया है।
इसका असर चीनी उत्पादन पर भी हुआ है। महाराष्ट्र में, 15 फरवरी 2020 तक चीनी का उत्पादन 43.38 लाख टन था, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 82.98 लाख टन का उत्पादन हुआ था। इस सीजन में संचालित 143 मिलों में से आठ चीनी मिलों ने अपनी पेराई बंद कर दी है। पिछले सीजन 193 मिलों ने गन्ना पेराई में भाग लिया था यानी इस साल कम गन्ना होने के कारण महाराष्ट्र में 50 चीनी मिलें बंद रहीं।
कर्नाटक के मामले में, 15 फरवरी 2020 तक, 63 चीनी मिलों ने परिचालन शुरू कर दिया था और उन्होंने पिछले वर्ष की समान 66 चीनी मिलों द्वारा उत्पादित 38.74 लाख टन की तुलना में 30.80 लाख टन चीनी उत्पादन किया है। इस सीजन में पेराई करने वाली 63 चीनी मिलों में से 15 फरवरी 2020 तक 13 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दी है।
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