नई दिल्ली: देश में चीनी सीजन थोड़ी देर से लेकिन आखिरकार शुरू हो गया है। अब तक, 28 चीनी मिलों ने कुल मिलाकर 14.50 लाख टन गन्ने की पेराई की है और 8.67 प्रतिशत की औसत रिकवरी के साथ 1.25 लाख टन नई चीनी का उत्पादन किया है।
कर्नाटक राज्य में, 9 चीनी मिलों ने 6.67 लाख टन गन्ने की पेराई की और 9 प्रतिशत की औसत रिकवरी के साथ 60,000 टन नई चीनी का उत्पादन किया है। वही दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में, 13 चीनी मिलों ने 1.88 लाख टन गन्ने की पेराई की है और 8 प्रतिशत की औसत रिकवरी के साथ 15,000 टन चीनी का उत्पादन किया है। तमिलनाडु में 6 मिलों ने 5.88 लाख टन गन्ने की पेराई की है और 8.5 प्रतिशत की औसत रिकवरी के साथ 50,000 टन चीनी का उत्पादन किया है। यह अपडेटेड पेराई रिपोर्ट नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड (NFCSF) ने एक प्रेस नोट में जारी की है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक में सामान्य पेराई सीजन 1 अक्टूबर से शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन महाराष्ट्र में बाढ़ और भारी बारिश के वजह से पेराई सीजन में देरी हुई है। बाढ़ के वजह से खेती में पानी भरे होने के कारण कटाई में दिक्कत आई है।
महाराष्ट्र में नवंबर के 3/4 वें सप्ताह में गन्ने की पेराई शुरू होने की उम्मीद है। इसी तरह, गुजरात और अन्य शेष राज्यों में भी पेराई नवंबर के 3/4 वें सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड के अध्यक्ष श्री दिलीप वाल्से पाटिल ने कहा कि गन्ने की उत्पादकता में कमी और अपेक्षित गिरावट के कारण, 2019-20 सीजन के दौरान चीनी उत्पादन का अनुमान 260-265 लाख टन है, जो की पिछले सीजन 331 लाख टन था। मतलब 70 लाख टन की कमी हो सकती है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रकाश नाईकनवरे को उम्मीद है कि लगातार रिकॉर्ड चीनी उत्पादन के दो साल बाद, चालू वर्ष के चीनी उत्पादन में अपेक्षित सुधार, इथेनॉल उत्पादन से चीनी मात्रा में कमी, 60 लाख टन चीनी निर्यात के परिणामस्वरूप चीनी मिलों की आर्थिक स्तिथि में सुधार आएगा।
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