आज नई दिल्ली में तीसरे भारत कृषि आउटलुक फोरम 2019 की बैठक को संबोधित करते हुए कृषि और किसान कल्याण सचिव श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान योजना में 85 मिलियन किसानों ने पंजीकरण कराया है और पहली किस्त में ही लगभग 65 मिलियन किसानों को 3.5 बिलियन डॉलर की राशि अंतरित की गई है। आय सहायता योजना ने किसानों की मदद की है, क्योंकि प्रारंभिक किस्त में लगभग 1.1 मिलियन किसानों के खाते में पांच सौ रुपये से कम की राशि थी और प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से जमा कराई गई 2000 रुपये की राशि की पहले दिन ही निकासी की गई। बैठक में आए विश्व संगठनों और विदेशी प्रतिनिधियों को योजना की जानकारी देते हुए कृषि और किसान कल्याण सचिव ने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा लाभार्थियों की पहचान की जा रही है और यह सौ प्रतिशत केन्द्र प्रायोजित योजना है। इसके तहत छोटे और मझौले किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रुपये का आय समर्थन दिया जा रहा है।
दो दिन की इस बैठक में विभिन्न विषयों की चर्चा करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि कृषि क्षेत्र में आरटीफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डाटा बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि डाटा लक्षित विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रमुख योजनाओं के लिए किसानों की पंजीकरण प्रक्रिया जोतों के ब्यौरों के डिजिटिकरण, बीमा डाटा, मृदा स्वास्थ का डाटा, केसीसी सूचना डाटा का मिलान किया जा रहा है। इसका उपयोग किसानों और उनकी उपज की वास्तविक स्थिति को समझने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आईबीएम के वॉटसन डिसिजन प्लेटफॉर्म के साथ सहयोग से मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के चार जिलों में एक पायलट परियोजना प्रारंभ की गई है, ताकि किसानों को मौसम की जानकारी, मिट्टी की नमी के बारे में सूचना प्रदान करके किसानों को जल और फसल प्रबंधन के बारे में निर्णय लेने में मदद की जा सके।
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