लखनऊ: शासन के निर्देश पर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया की टिड्डी के प्रकोप के दृष्टिगत प्रदेश में गन्ने की फसल को इन कीटों से बचाने के लिये प्रदेश के जिलों एवं मण्डलों में जिला प्रशासन तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा चीनी मिलों के माध्यम से 1,256 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बचाव के उपाय किये गये है। सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा लगातार गाँवों का भ्रमण करके उक्त कीट के आक्रमण को विफल करने हेतु किसानों को सजग रहने तथा पर्याप्त सावधानियां बरतने के लिये जागरूक किया जा रहा है। टिड्डियों से बचाव के लिये स्प्रे टैंकर से कीटनाशक का छिड़काव, हैंडबिल का वितरण, दैनिक समाचार पत्रों में टिड्डी से बचाव के उपायों को प्रकाशित कराना तथा सभी कार्यालयों एवं गोदामों की दीवारों पर कीट के रोकथाम के उपायों का लेखन कराकर सभी किसानों तक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
श्री भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि चूँकि टिड्डियां बहुत अधिक संख्या में एक साथ आक्रमण करती हैं और बहुत कम समय में फसल को चट कर जाती हैं अतः इनका आक्रमण होने के बाद फसल को बचाना बेहद मुश्किल है, पूर्व से ही तैयारी करके इनसे बचाव किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में गन्ना विभाग द्वारा “प्रीवेंशन इज बेटर देन क्योर” के सिद्धांत पर चलकर गन्ने की फसलों को बचाने के लिए आवश्यक इंतजाम कर लिए गए हैं तथा सभी विभागीय अधिकारी इस हेतु सजग हैं।
टिड्डी दल को रोकने के संबंध में गन्ना विभाग द्वारा किये गए उपायों पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि टिड्डी दल के भ्रमण एवं प्रवास के व्यवहार को देखते हुये प्रदेश के सभी गन्ना बहुल परिक्षेत्रों एवं जिलों में टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए स्प्रै टैंकरों एवं कीटनाशकों की व्यवस्था की गयी है। यद्यपि सहारनपुर एवं मुरादाबाद परिक्षेत्रों के जिलों में टिड्डी दल का आगमन अभी नहीं हुआ है फिर भी सम्भावित आगमन के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गयी हैं। मेरठ मण्डल में टिड्डियों का आगमन हुआ जिसके लिए 196 टीमों को लगाया गया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इन परिक्षेत्रों में कृषकों के मध्य जागरुकता हेतु पम्फ्लेट भी वितरित किये गये हैं।
उन्होंने बताया कि बरेली परिक्षेत्र में टिड्डी दल के रोकथाम हेतु 8 टीमें एवं 3 स्प्रै टैंकर लगाकर 150 हेक्टेयर में कृषि, गन्ना, जिला प्रशासन व अग्निशमन विभाग के संयुक्त प्रयास से क्लोरोपायरीफॉस का स्प्रै कराया गया तथा किसानों ने शोर मचाकर टिड्डियों को खेतों में उतरने नही दिया। वहीं लखनऊ परिक्षेत्र के जिला फर्रूखाबाद, हरदोई एवं सीतापुर में टिड्डियों द्वारा प्रवास किया गया। जिसके दृष्टिगत 29 टीमें एवं 45 स्प्रै टैंकर के माध्यम से प्रवास स्थल के रूप में चयनित 291 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कीटनाशकों का छिड़काव कर टिड्डियों को मारा गया। इसी प्रकार अयोध्या मण्डल के सुल्तानपुर, जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी व अम्बेडकर नगर में टिड्डी दल का आगमन होने पर 30 टीमों तथा 5 स्प्रै टैंकर के माध्यम से 153 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कीटनाशकों का छिड़काव कृषि विभाग के सहयोग से कराया गया। इन परिक्षेत्रों में गन्ना कृषकों के मध्य जागरुकता हेतु विपुल मात्रा में पम्फ्लेट भी वितरित किये गये।
यह भी बताया कि देवीपाटन मण्डल में 4 टीमें बनाकर 4 स्प्रै टैंकर के माध्यम से 372 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कीटनाशक का छिड़काव किया गया। इसी प्रकार गोरखपुर मण्डल में गोरखपुर, बस्ती, महराजगंज एवं सिद्धार्थनगर जिलों में भी टिड्डी दल के आगमन पर जिला प्रशासन तथा कृषि विभाग के समन्वय से कीटनाशक का छिड़काव कर किसानों द्वारा शोर मचाकर टिड्डियों को भगाने के प्रयास किये गये। देवरिया परिक्षेत्र में भी 39 टीमें गठित कर 26 स्प्रै टैंकरों के माध्यम से 289 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कीटनाशकों का छिड़काव किया गया।
इस प्रकार पूरे प्रदेश में गन्ना विभाग द्वारा टिड्डी दल की रोकथाम हेतु जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के साथ समन्वय कर टिड्डी दल को शोर मचाकर तथा अन्य परम्परागत तरीकों से भगा दिया जाता है। स्थलीय प्रवास के दौरान कीटनाशक का छिड़काव कर टिड्डियों को मार दिया जाता है। टिड्डी दल की रोकथाम हेतु गन्ना विभाग इस समय अलर्ट पर है तथा विभाग के सभी अधिकारी इस हेतु अपने कार्यक्षेत्र में सजग हैं। अभी तक गन्ने की फसल में टिड्डियों द्वारा किसी नुकसान की सूचना प्राप्त नहीं है।
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