आईटी प्लेटफार्म से जुड़े 46 लाख गन्ना किसान

लखनऊ : चीनी मंडी

चीनी उद्योग में ज्यादा से ज्यादा पारदर्शिता लाने की योगी सरकार कि कोशिशें रंग लाती नजर आ रही है। ईआरपी (इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) व्यवस्था कें कारण उत्तर प्रदेश में चीनी उद्योग से जुडे कामकाज में पारदर्शिता देखने को मिल रही है। गन्ना किसानों को आपूर्ति के लिए समय से पर्ची और पारदर्शी भुगतान के लिए शुरू की गई ईआरपी (इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) व्यवस्था लागू होने के बाद प्रदेश के 45 लाख से ज्यादा गन्ना किसान इससे जुड़ गए हैं। इन किसानों को उनकी पर्ची के संबंध में एसएमएस के जरिए सूचित किया जा रहा है। ईआरपी के लागू होने के बाद टीडीएस के 180 करोड़ रुपये अंशदान के रूप में समितियों को मिले हैं, जिसे किसानों की भलाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

गन्ना किसानों की समस्याओं को दूर करने और सहकारी गन्ना समितियों के पर्ची निर्गमन एवं अन्य कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ईआरपी माड्यूल विकसित किया गया है। ईआरपी के तहत 168 गन्ना समितियों की मानव संपदा, कृषि निवेश व्यवसाय, लेखा एवं पर्ची निष्कासन के लिए अलग-अलग एचआर माड्यूल, खाद एवं कीटनाशक वितरण के लिए माड्यूल, समिति की बैलेंसशीट, अकाउंटिंग व टीडीएस माड्यूल विकसित किए जा रहे हैं। इससे गन्ना समितियों का पूरी तौर पर कम्प्यूटरीकरण हो जाएगा और पूरी व्यवस्था पारदर्शी हो जाएगी। सभी लेनदेन की जानकारियां ऑनलाइन हो जाएंगी और किसानों को समिति के दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे।

E गन्ना ऐप को लॉन्च होने के दो महीने के अंदर ही आठ लाख से ज्यादा किसानों ने डाउनलोड किया हैं। ईआरपी से किसानों को अपने सर्वे सट्टा, कैलेंडर और पर्ची की जानकारी ऑनलाइन मिल रही है।

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