प्रदेश की 5 चीनी मिलों को महाराष्ट्र सरकार से 487 करोड़ रुपये मिलेंगे

मुंबई : महाराष्ट्र सहकारिता विभाग ने मार्जिन फंड के लाभार्थियों की अपनी सूची में संशोधन किया है, और पांच सहकारी चीनी मिलों को हटाकर उनकी जगह अन्य मिलों को शामिल किया है। लोकसभा चुनाव के बाद लिए गए इस फैसले से नई मिलों को 487 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, जिसमें लातूर, सांगली, अहमदनगर और सोलापुर जिले की मिलें शामिल हैं।

सूची में नए नाम शामिल हैं। लातूर जिले की औसा तहसील में शेतकरी सहकारी चीनी मिल, सांगली जिले में विश्वासराव नाइक सहकारी चीनी मिल, सांगली में पद्मभूषण क्रांतिवीर डॉ. नागनाथ नायकवडी हुतात्मा किसान अहीर सहकारी चीनी मिल, अहमदनगर जिले की श्रीरामपुर तहसील में अशोक सहकारी चीनी मिल तथा सोलापुर जिले की पंढरपुर तहसील में स्थित श्री विट्ठल सहकारी चीनी मिल।

मार्जिन मनी फंड का वितरण महाराष्ट्र सरकार के माध्यम से राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा किया जाएगा। लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने कई सहकारी चीनी मिलों को 2,265 करोड़ रुपये के मार्जिन फंड उपलब्ध कराने के लिए अपनी गारंटी की पेशकश की थी। इनमें से कुछ चीनी मिलों पर विपक्षी दलों के विधायकों तथा नेताओं का नियंत्रण था। विपक्षी दलों ने इस निर्णय की आलोचना की और इसे अपने नेताओं को सत्ताधारी दल के साथ मिलाने का प्रयास बताया।

संशोधित सूची के अनुसार, लातूर स्थित चीनी मिल को 18.84 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है, जबकि सांगली की मिल को 121 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। अभिजीत पाटिल की मिल को 219 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो पांच चीनी मिलों में सबसे अधिक है।

श्रीरामपुर तहसील के अशोक सहकारी चीनी मिल का मामला अधिक दिलचस्प है। हालांकि मिल श्रीरामपुर में है, लेकिन इससे जुड़े अधिकांश गन्ना किसान पड़ोसी नेवासा विधानसभा क्षेत्र से हैं। सरकारी आदेश के अनुसार, मिल को 75 करोड़ रुपये मिलेंगे।

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