मुज़फ़्फ़रनगर: जब से उत्तर प्रदेश सरकार गन्ना बकाया को लेकर सख्त हुई है तब से चीनी मिलें भी जल्द से जल्द भुगतान करने में जुट चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चीनी मिलों को चेतावनी के परिणाम सामने आ रहे हैं। मुजफ्फरनगर जिले की पांच मिलों ने 2018-19 सीज़न के लिए सभी गन्ने के बकाये का भुगतान कर दिया है। केवल तीन मिलों (भैसाना, खाईखेड़ी और मोरना) पर अभी भी 224 करोड़ रूपये का भुगतान बकाया है। किसानों का जिले में 92 प्रतिशत भुगतान हो गया है।
हालही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दो किसानों की याचिका पर गन्ना किसानों को 15 प्रतिशत ब्याज सहित गन्ना बकाया चुकाने का निर्देश दिया था। इस याचिका में किसानों ने कहा है कि उन्होंने बैंकों से ऋण लेकर गन्ने की फसल उगाई थी, लेकिन आज वे इसे चुकाने में असमर्थ हैं क्योंकि उनके बकाये का भुगतान अभी तक चीनी मिलों से नहीं हुआ है।
इससे पहले, गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा था कि किसानों के लंबित बकाया को अक्टूबर अंत से पहले चूका दिया जाएगा। और यदि मिलें बकाया राशि प्राप्त करने में विफल रहीं, तो उन्हें रिकवरी प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे और उनके गोदामों में रखे चीनी बेचकर भुगतान किया जाएगा।
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थानभवन मिल का सिर्फ पचास प्रतिशत भुगतान हुआ है जो माननीय गन्ना मन्त्री का घरेलू क्षेत्र भी है।
इसको भी सरकार देख ले।
यदु शुगर मिल,बिसौली-बदायूं का कुल 3% ही भुगतान हुआ है।