नई दिल्ली: महाराष्ट्र में कई कारणों के वजह से इस सीजन में चीनी उत्पादन पर काफी असर पड़ा है। पिछले सीजन के मुकाबले इस सीजन में काफी गिरावट देखि जा सकती है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के मुताबिक, 15 दिसम्बर 2019 तक 124 चीनी मिलों ने गन्ना पेराई शुरू किया है, जबकि 15 दिसम्बर 2018 तक 178 चीनी मिलें पेराई कर रही थी। 15 दिसम्बर, 2019 तक, राज्य में चीनी उत्पादन 7.66 टन हुआ है, जबकि 15 दिसम्बर 2018 तक राज्य में 29 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था। इस सीजन में महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन में 73 प्रतिशत की गिरावट देखी जा सकती है।
इस बार महाराष्ट्र में बाढ़ और सूखे के कारण गन्ना उत्पादन पर काफी असर पड़ा है और साथ ही साथ, राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता के कारण गन्ना पेराई सत्र में देरी हुई है। महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने राज्य के राज्यपाल बीएस कोश्यारी से अनुमति मिलने के बाद आधिकारिक तौर पर गन्ना पेराई सीजन शुरू कर दिया था। राज्यपाल ने 22 नवंबर को आधिकारिक रूप से सीजन शुरू करने की अनुमति दी थी। देरी से सीजन शुरू होने के कारण चीनी उत्पादन में काफी गिरावट देखि जा सकती है।
आपको बता दे, चीनी सीजन 2018-2019 में महाराष्ट्र में कुल 195 चीनी मिलों ने पेराई में भाग लिया था और 951.79 लाख टन गन्ने की पेराई करके 11.26 प्रतिशत की रिकवरी दर के हीसाब से 107.19 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। इस सीजन में, महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन कम होने की संभावना है क्योंकि राज्य बाढ़ और सूखे से प्रभावित हुआ है।
ISMA के अनुसार, चीनी सीजन 2019-20 में चीनी उत्पादन 15 दिसम्बर, 2019 तक 45.81 लाख टन है। जब की 2018-19 सीजन में 15 दिसम्बर 2018 तक 70.54 लाख टन उत्पादन हुआ था। नए सीजन में देश में चीनी उत्पादन में 35 प्रतिशत की गिरावट देखी जा सकती है। इस चीनी सीजन में 15 दिसम्बर, 2019 तक 406 चीनी मिलें गन्ने की पेराई कर रही थीं, जब की पिछले साल 15 दिसम्बर 2018 तक 473 चीनी मिलें गन्ने की पेराई कर रही थीं।
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