मेरठ: पेराई सत्र में गन्ना किसानों को सबसे जादा दिक्कत होती है गन्ना पर्ची खोने की, नही तो फटने की। लेकिन अब गन्ना किसानों का कागज़ की पर्ची से छुटकारा हुआ है। क्योंकि अब गन्ना किसानों के मोबाइल पर एसएमसए के जरिए पर्ची पहुंचेगी। इससे करीब 40 टन कागज की भी बचत होगी, जिससे पर्यावरण की रक्षा भी होगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पर्ची की छपाई पर वहन होने वाला करीब चार करोड़ रुपये का खर्च भी बचेगा। गन्ना विभाग की इस पहल से किसानों को काफी मदद मिलेगी।
पहली बार किसान के मोबाइल नंबर पर मैसेज के जरिए पर्चियां जारी की जा रही हैं। इससे किसानों को बहुत मदद होगी। पर्ची का मैसेज दिखाकर किसान गन्ना तौल कराएंगे।
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