इस्लामाबाद: कॉम्पिटीटिव कमिशन ऑफ पाकिस्तान (CCP) ने सोमवार को पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (PSMA) के लाहौर और इस्लामाबाद कार्यालयों पर छापेमारी की। चीनी उद्योग द्वारा प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2010 के संभावित उल्लंघनों के खिलाफ चल रही जांच के चलते CCP ने अपने अधिकारियों को PSMA परिसर में छापेमारी के आदेश दिए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, PSMA द्वारा 2019-20 के मौसम में पेराई का सामूहिक ठहराव, चीनी की कीमतों में सामूहिक वृद्धि और उपयोगिता स्टोर कॉर्पोरेशन (USC) को चीनी की आपूर्ति करने से इनकार करना शामिल है।
CCP प्रवक्ता ने कहा की, CCP की प्रारंभिक पूछताछ में चीनी मिलों की ओर से सीजन में देरी करने के लिए सामूहिक रणनीति अपनाने की संभावना का संकेत मिलता है। प्रारंभिक CCP जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि, PSMA ने 11 जुलाई को मीडिया को एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा था की, “हमारे देश में चीनी संकट बिल्कुल नहीं है। पाकिस्तान में चीनी का स्टॉक उपलब्ध हैं, लेकिन मिलर्स 65 रुपये की दर से चीनी की बिक्री नहीं कर पा रहे हैं। एक किलो चीनी पर कुल लागत 72 रूपयें थी, फिर इसे 63 रूपयें की दर से बेचना कैसे संभव है। एंटी-ट्रस्ट वॉचडॉग की चल रही जांच में कहा गया है कि एक ही बयान में, PSMA ने यह भी दावा किया कि देश में चीनी के पर्याप्त स्टॉक है, जबकि परिष्कृत चीनी के खुदरा मूल्य में जुलाई और अगस्त के बीच सभी शहरों में तेजी से वृद्धि देखी गई। पेशावर में तो चीनी 110 रूपयें प्रति किलो बेचीं जा रही थी।”
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