जर्मनी: जर्मनी के चीनी उद्योग संघ (डब्लूवीजेड) ने शुक्रवार को कहा की, चीनी निर्यात में सब्सिडी देने के लिए भारत सरकार का नया कार्यक्रम चीनी की कीमतों में ज्यादा गिरावट का कारण बन रहा है और यूरोपीय संघ द्वारा इसका विरोध किया जाना चाहिए । ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया के बाद अब जर्मनी भी खुलकर भारत की चीनी निर्यात निति की आलोचना कररहा है ।
भारत के कैबिनेट ने बुधवार को चीनी के बड़े घरेलू भंडार को कम करने के प्रयासों के तहत उत्पादकों को चीनी निर्यात करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी को मंजूरी दी। खाद्य मंत्रालय उत्पादकों को कम से कम 5 लाख मेट्रिक टन चीनी निर्यात करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। ब्राजील सरकार ने यह भी कहा कि, भारत सरकार की इस योजना से चिंता बढ़ गई है । डब्लूवीजेड ने एक बयान में कहा, विश्व बाजार में नवीनतम चीनी कीमतों में गिरावट केवल भारतीय सरकार की नई योजना के कारण आ रही है, क्योंकि भारतीय किसानों को सरकार की सहायता के कारण चीनी उत्पादन और निर्यात के लिए प्रोत्साहन मिलता है। कच्चे चीनी वायदा गुरुवार को 10 साल के निचले स्तर पर गिर गया। डब्लूवीजेड के चेयरमैन हंस-जोर्ज गेभार्ड ने कहा, भारत का यह कदम विश्व बाजारों में चीनी की अधिक आपूर्ति में वृद्धि करेगी और कीमतों में और गिरावट आएगी। गेबार्ड ने कहा, यूरोपीय संघ को इसके खिलाफ बहुत सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।