नई दिल्ली: मिलें चीनी अधिशेष से जूझ रही है और जिसके कारण मिलों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और साथ ही गन्ना बकाया चुकाना भी उनके लिए मुश्किल हो गया है। अब सरकार इसके चलते मिलों को इथेनॉल उत्पादन के लिए ध्यान केंद्रित करने के लिए कह रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अधिशेष चीनी की समस्या से निपटने के लिए और इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चीनी मिलों को प्रोत्साहित करने के लिए, केंद्र सरकार 2020-21 सत्र के लिए ढाई से तीन रुपये प्रति लीटर के बीच इथेनॉल की सभी तीन श्रेणियों की खरीद मूल्य बढ़ा सकती है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) जल्द ही इस पर निर्णय लेने की उम्मीद है।
देश में 2022 तक पेट्रोल के साथ 10 प्रतिशत इथेनॉल संमिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार भी चीनी की जगह इथेनॉल उत्पादन करने वाली मिलों को प्रोत्साहन दे रही है, जो मिलों को चीनी के उत्पादन से होनेवाले नुकसान पर काबू पाने में मदद करेगा।
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