बिजनौर: आगामी पेराई सीजन शुरू होने में अब कुछ ही दिन ही बचें है, लेकिन कई सारी मिलों ने पिछलें सीजन का अभी तक भुगतान नही किया है। पश्चिम उत्तर प्रदेश की मिलों में अभी भी पिछले सीजन से किसानों का काफी बकाया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, लंबित भुगतान से परेशान गन्ना किसान अपनी उपज को रियायती दरों पर निजी गुड़ इकाइयों या कोल्हुओं को बेच रहे हैं। कोल्हू 230-250 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का भुगतान करते हैं, जबकि मिलें इससे ज्यादा राज्य सलाह मूल्य (SAP) के तर्ज पर भुगतान करते है। कोल्हुओं ने परिचालन शुरू कर दिया है, जबकि चीनी मिलें अक्टूबर के मध्य से पेराई शुरू करने वाली हैं। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने कहा, “मिल अधिकारियों से सभी बकाया राशि का भुगतान करने को कहा गया है। मुझे उम्मीद है कि वे जल्द भुगतान करेंगे। ”
उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती का क्षेत्रफल लगभग 27.38 लाख हेक्टेयर है। राज्य में 119 चीनी मिलें हैं, जो ज्यादातर पश्चिम उत्तर प्रदेश में केंद्रित हैं। कुल मिलाकर, 40 लाख किसान राज्य में गन्ने की खेती से जुड़े हैं। राज्य में चीनी मिलों द्वारा पिछले साल का लगभग 8,500 करोड़ रुपये बकाया भुगतान बाकी है। किसानों की मांग है कि, गन्ना मूल्य 325 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए। उत्तर प्रदेश में 8,000 से अधिक कोल्हू और गुड़ इकाईयों ने गन्ने की पेराई शुरू कर दी है।
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