महाराष्ट्र: बकाया भुगतान के चलते चीनी मिलों के पेराई लाइसेंस होल्ड पर

पुणे: पिछले पेराई सत्र के लिए किसानों को उचित और पारिश्रमिक मूल्य (एफआरपी) भुगतान करने में विफल रहने के कारण चीनी आयुक्तालय ने इस पेराई सत्र के लिए कई चीनी मिलों के लाइसेंस रोक रखे हैं। कई चीनी मिलें बकाया का भुगतान करने के लिए धन जुटाने के लिए भागमभाग कर रहीं हैं। 2020-21 के लिए आधिकारिक तौर पर पेराई सत्र गुरुवार से शुरू हुआ है।

टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने कहा कि, 90 चीनी मिलों को क्रशिंग के लिए लाइसेंस आवंटित किए गए थे क्योंकि उन्होंने किसानों का शत प्रतिशत भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कुछ और मिलें किसानों को जल्द से जल्द बकाया भुगतान करेंगे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 20 चीनी मिलों ने पिछले तीन दिनों में उनके लाइसेंस को रोक दिए जाने के बाद किसानों को बकाया का भुगतान किया है।अधिकारियों ने कहा कि, चीनी मिलों से बिना अनुमति के पेराई शुरू नहीं करने के लिए कहा गया है। अगर वे बिना लाइसेंस गन्ने की पेराई शुरू करते हैं, तो मिलों को हर टन पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इस तरह के जुर्माने की राशि पिछले वर्ष में प्रति टन 500 रुपये थी। चीनी मिलों को 30 सितंबर तक पेराई लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया था।

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