नई दिल्ली: चीनी उद्योग संगठन, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, इस सीजन में गन्ने की अधिक उपलब्धता के चलते 2020-21 के पेराई सत्र में भारत का चीनी उत्पादन 13 प्रतिशत बढ़कर 31 मिलियन टन होने का अनुमान है। ईथेनॉल उत्पादन के लिए 2 मिलियन टन गन्ने का रस और बी हैवी मोलासेस के इस्तेमाल की संभावना को ध्यान में रखकर चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। चूंकि 2020-21 सीज़न के लिए अधिक उत्पादन का अनुमान के चलते ISMA ने कहा कि, भारत को इस सीजन में लगभग 6 मिलियन टन सरप्लस चीनी का निर्यात जारी रखना होगा। ताकि, चीनी अधिशेष की समस्या से बचा जा सकता है।
प्रारंभिक अनुमानों को जारी करते हुए, ISMA ने कहा, गन्ने के रस और बी-मोलासिस से इथेनॉल के लिए गन्ने के इस्तेमाल के बाद 2020-21 में चीनी का उत्पादन लगभग 31 मिलियन टन हो सकता है। गन्ना रस / सिरप और बी-मोलासिस की एक बड़ी मात्रा इथेनॉल में बदल जाएगी।
पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 2020-21 सीजन में 12.45 मिलियन टन चीनी उत्पादन हो सकता है, जबकि पिछले सीजन में उत्पादन 12.63 मिलियन टन था। लेकिन महाराष्ट्र में इस साल गन्ने के क्षेत्रफल में 48 प्रतिशत वृद्धि के मद्देनजर और उच्च गन्ना आपूर्ति के कारण चीनी उत्पादन 6.16 मिलियन टन से बढ़कर 10.80 मिलियन टन होने का अनुमान है।
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Sir mera rupiyaa nhi aaya hai