मुंबई : चीनी मंडी
आगामी 2018-19 गन्ना क्रशिंग सीजन अत्यधिक चीनी उत्पादन के साथ उभरने की संभावना है, कम मांग, अधिशेष चीनी और कम किमत के चलते चीनी उद्योग बडी कठिनाईयों से गुजर रहा हैै। चीनी उद्योग की समस्यांओं को ध्यान में रखकर महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी मिल फेडरेशन की तरफ से बैठक का आयोजन किया गया है । संसद सदस्य शरद पवार के अध्यक्षता में होनेवाली इस बैठक में खाद्य एवं मंत्रालय मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ उपभोक्ता मामले के मंत्री भी शिरकत करेंगे। बैठक में सभी सहकारी और निजी चीनी मिलों के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक, विभिन्न संगठनों और निर्यात व्यापारी भी उपस्थित रहेंंगे।
केंद्र सरकार चीनी उद्योग की सहायता के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है, फिर भी अभी तक चीनी उद्योग को राहत नही मिले है। अब सरकार, चीनी उद्योग और उसके सभी हितधारकों को चीनी अधिशेष की समस्या को हल करने के लिए नई निती के साथ काम करने की जरूरत है। आनेवाले चीनी मौसम में सरकार न्यूनतम सूचक निर्यात कोटा (एमआईईक्यू) के तहत चीनी निर्यात अनिवार्य करने के बाद चीनी उद्योग को आशा की किरण दिखाई दे रही है। 2018-19 के लिए सरकार द्वारा 50 लाख टन चीनी के निर्यात कोटा निर्धारित किया गया है।
यह बैठक शनिवार, 13 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे रंगसर, यशवंतराव चव्हाण प्रतिस्थान, जनरल जगन्नाथ भोसले मार्ग, नरीमन प्वाइंट, मुंबई में आयोजीत की गई है । यह बैठक उन सभी हितधारकों के लिए खुली है जो चीनी उद्योग में मिठास जोड़ने के लिए “निर्यात” पर विशेष जोर देते हैं।