मुंबई: चीनी मंडी
महाराष्ट्र में शनिवार को नये चीनी क्रशिंग सीजन आगाज हो गया है, लेकिन अबी भी राज्य की 26 चीनी मिलों ने अभी तक गन्ना किसानों का पिछले सीजन का176 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान नही किया है।
राज्य चीनी आयुक्त संभाजी कडू- पाटिल ने कहा की, किसानों भुगतान करने के लिए हमने चीनी मिलों को नोटिस जारी किए हैं और नोटीस में साफ कर दिया है की, यदि वे भुगतान नहीं करते हैं, तो हम उन्हें नए क्रशिंग सीजन के लिए लाइसेंस जारी नहीं करेंगे। निजी चीनी मिलें डिफॉल्टर्स की सूची के शीर्ष पर हैं। इनमें सातारा में न्यू फलटन फैक्ट्री शामिल है, जिस ने 48 करोड़ रुपये और बीड के जय महेश फैक्ट्री का 26 करोड़ रुपये शामिल है। सोलापुर स्थित मातोश्री लक्ष्मी चीनी मिल द्वारा 23 करोड़ रुपये का बकाया है।
हालांकि, कडू – पाटिल ने कहा कि, केंद्र सरकार ने चीनी उद्योग के लिए पैकेज घोषित करने के बाद बहुत हद तक भुगतान हो चुका है । उन्होंने कहा कि, महाराष्ट्र में गन्ना बकाया किसानों को कुल देय राशि 1% से कम है। 26 मिलों में से 14 मिलों ने अपनी देनदारियों का 95% भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि, केवल सात मिलों ने 90% से कम बकाया राशि का भुगतान किया है।
हालांकि, अगले वर्ष के चीनी उत्पादन अनुमानों के बारे में चिंता बढ़ रही है, जो कि अधिक उत्पादन की संभावना जता रहे हैं। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने अगले साल उत्पादन में 8.5-10% की वृद्धि का अनुमान लगाया है। ‘आईएसएमए’ के मुताबिक उत्पादन अगले वर्ष 322 लाख टन से बढ़कर 350 से 355 लाख टन हो जाएगा।
कडू – पाटिल ने कहा, हालांकि, महाराष्ट्र राज्य के अधिकारियों का अनुमान है कि, राज्य में चीनी उत्पादन 2017-18 में 107.8 लाख टन के अपने उच्चतम समय को पार करने की संभावना नहीं है। हम आने वाले सीजन में चीनी उत्पादन कम रहने की उम्मीद कर रहे हैं। राज्य के कुछ हिस्सों में सूखे की वजह से है जो उत्पादन को प्रभावित करेगा। इसके अलावा, कुछ क्षेत्रों में सफेद क्रब कीट के हमले में भी रहा है जो उत्पादन को भी प्रभावित करेगा।