करनाल: जिला प्रशासन द्वारा लगभग 270 करोड़ रुपये की लागत वाली नई करनाल सहकारी चीनी मिल परियोजना के पूरा होने की समय सीमा मार्च 2021 तक बढ़ा दी गई है। पहले यह परियोजना 25 अक्टूबर तक पूरी करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन काम में धीमापन और कोरोना महामारी लॉकडाउन के कारण कंपनी अब तक केवल 40 प्रतिशत काम पूरा कर पाई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उपायुक्त (डीसी) निशांत कुमार यादव ने कहा, लॉकडाउन में श्रम की कमी के साथ-साथ कई प्रतिबंध थे, जिसके कारण कंपनी को काम पूरा करने में बाधाएं आई। कंपनी ने छह महीने की मोहलत मांगी है, हमने परियोजना को पूरा करने की समय सीमा मार्च 2021 तय की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 20 जनवरी, 2018 को नई करनाल सहकारी चीनी मिल की आधारशिला रखी थी। नई चीनी मिल कम्प्यूटरीकृत होगी और 15MW बिजली का उत्पादन करेगी। मिल की पेराई क्षमता मौजूदा 2,200 टन से बढ़कर 3,500 टन हो जाएगी। जिसकी क्षमता 5,000 टन तक बढ़ाने का प्रावधान होगा। इसके अलावा, यह चीनी की रिकवरी को मौजूदा 10.87 प्रतिशत से 11 प्रतिशत तक बढ़ा देगा। डीसी निशांत कुमार यादव ने आगे कहा कि, इस साल का पेराई सत्र 10 नवंबर से पुरानी मिल में शुरू होगा और मार्च में नई मिल कार्यात्मक होगी।
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