नई दिल्ली: भारतीय चीनी उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है और केंद्र सरकार से एक बूस्टर की मांग कर रहा है। चीनी उद्योग ने 202021 सीजन में चीनी उत्पादन सामान्य से अधिक होने की उम्मीद जताई है और निर्यात नीति की घोषणा में देरी से चीनी मिलों के सामने संकट की बात कही जा रही है।
गुरुवार को आयोजित बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से चीनी उद्योग से जुडे हितधारकों ने केंद्र सरकार से अपनी चिंताओं और अपेक्षाओं को साझा किया।बैठक में चीनी मिलों की बैलेंस शीट, विभिन्न योजनाओं के तहत लंबित दावे, चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य, निर्यात नीति, बफर स्टॉक योजना, ऋणों का पुनर्गठन और पुनर्निर्धारण, गन्ना बकाया का भुगतान आदि मुद्दों पर चर्चा हुई।
चीनी उद्योग को आत्मनिर्भर तथा और अधिक कुशल बनाने के लिये आज इस इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की।
सरकार चीनी उद्योग तथा किसानों के लाभ हेतु इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। pic.twitter.com/UZvOIEj2KY
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 26, 2020
केंद्रीय मंत्री ने भी इसके बारे में ट्विटर पर जानकारी साझा किया। उन्होने कहा, “चीनी उद्योग को आत्मनिर्भर तथा और अधिक कुशल बनाने के लिये आज इस इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। सरकार चीनी उद्योग तथा किसानों के लाभ हेतु इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।”