सोलापुर: चीनी मंडी
पंढरपुर के किसान ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा है, उसमे उन्होंने गैस और केरोसिन केअनुसार चीनी की भी वाणिज्यिक और घरेलू कीमत अलग-अलग करने की मांग की है । पत्र में दिनकर आदिनाथ चव्हाण ने लिखा है कि, किसानों को उसकी फसल की उचित कीमत नहीं मिलने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले, चव्हाण ने चीनी की दरों के संबंध में राष्ट्रपति को भी पत्र भेजा था। पत्र के जवाब में राष्ट्रपति ने पुणे में चीनी आयुक्त को एक पत्र भेजकर उन्हें कार्रवाई करने का निर्देश दिया था ।
प्रधान मंत्री को भेजे गए एक पत्र में, यह कहा गया है कि घरेलू उपभोग के लिए देश में केवल 15 % चीनी का उपयोग किया जा रहा है। शेष 85% चीनी वाणिज्यिक रूप से उपयोग किया जाता है। लेकिन, दोनों चीनी की कीमतें समान हैं। इसलिए, यह मांग पत्र में किया गया है कि, निविदा में चीनी की बिक्री 40 से 45 रुपये, उद्योग के लिए प्रति किलो 100 रुपये और घरेलू उपयोग के लिए 50 रुपये प्रति किलो की दर होनी चाहिए।
जब चीनी प्रति किलो 20 रुपये थी, चाय पाउडर 28 रुपये प्रति किलोग्राम था। अब चाय की दर 300 रुपये हो गई है। हालांकि, चीनी की कीमतों में केवल 9 से 10 रुपये की वृद्धि हुई है। दूसरी ओर, ईंधन की कीमतों में पांच गुना वृद्धि हुई है। यह भेद चिंता का विषय है। क्योंकि, कृषि और कृषि पूरक उद्योग किसी भी उद्योग का उच्चतम रोजगार बनाते हैं। पत्र में, तत्काल उपाय करने की मांग की गई है।