Image Credits: commodityonline.com
मुंबई .प्रदेश में इस साल अनुमान से अधिक चीनी की उत्पादन हुआ है। इसलिए राज्य सरकार अब चीनी के निर्यात पर जोर देगी। राज्य सरकार चीनी के निर्यात के लिए अनुदान देने को लेकर केंद्र सरकार से आग्रह करेगी। विधान परिषद में प्रदेश के सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख ने यह जानकारी दी। सोमवार को सदन में अल्पकालीन चर्चा के माध्यम से मराठवाड़ा और विदर्भ की चीनी कारखानों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा हुई।
24 लाख मीट्रिक टन की खपत
– देशमुख ने कहा कि इस साल राज्य में 85 लाख मीट्रिक टन चीनी के उत्पादन का अनुमान था। 110 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ है। 16 लाख मीट्रिक टन चीनी का भंडारण पहले से बचा हुआ है। फिलहाल महाराष्ट्र में 126 लाख मीट्रिक टन चीनी का स्टाक है। जबकि राज्य में केवल 24 लाख मीट्रिक टन चीनी की खपत होती है।
– देशमुख ने कहा कि प्रदेश में चीनी का भंडारण करने का कोई मतलब नहीं है । दर स्थिर रखने के लिए निर्यात जरूरी है। देशमुख ने कहा कि घरेलू और व्यावसायिक इस्तेमाल में लाई जाने वाली चीनी की दर अलग-अलग कैसे की जा सकती है? इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से सुझाव मांगा है।
गन्ने के लिए एफआरपी का प्रस्ताव विचाराधीन
– देशमुख ने बताया कि किसानों को गन्ने के लिए 3200 रुपए प्रति टन उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) दिलाने से संबंधित प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष विचाराधीन है।