लखनऊ: नया चीनी सीजन शुरू हुए लगभग दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में अभी भी गन्ने के लिए स्टेट एडवायसड़ प्राइस (SAP) की घोषणा नही की गई है, जिससे किसानों के लिए चीनी मिलों से गन्ना भुगतान करना मुश्किल हुआ है।
द हिन्दू बिजनेस लाइन में प्रकाशित खबर के मुताबिक SAP घोषणा में देरी से यूपी के गन्ना किसान नाखुश है। हालांकि राज्य सरकार ने ‘SAP’ की घोषणा में देरी के कारण को स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन सरकार किसानों के देशव्यापी आंदोलन के खत्म होने का इंतजार कर रही है। दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने इस साल अगस्त में 2020-21 सीज़न के लिए गन्ने के लिए उचित और पारिश्रमिक मूल्य (FRP) की घोषणा की और 10 प्रतिशत की रिकवरी के लिए 285 प्रति क्विंटल रूपयें एफआरपी कर दी है।
मिलें शिकायत कर रहीं हैं कि,जलवायु परिस्थितियों के कारण चीनी की रिकवरी खराब रही है और उन्होंने सरकार से ‘SAP’ को नहीं बढ़ाने का आग्रह किया है। वास्तव में, मिलों ने सरकार से उद्योग को सब्सिडी देने का आग्रह किया है, ताकि वह गन्ना खरीद के प्रति अपनी भुगतान प्रतिबद्धता को पूरा कर सके।
किसान नेता जितेन्द्र हुड्डा ने कहा कि, किसान SAP में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन अब तक इसका ऐलान नहीं किया गया है।