कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से बड़ी कंपनिया किसानों की जमीन नही छीन सकती: नितिन गडकरी

मुंबई: केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों द्वारा चल रहें विरोध प्रदर्शन के बीच, परिवहन और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने देश में इथेनॉल जैसे जैव ईंधन के उत्पादन के लिए चावल, मकई और गन्ने का इस्तेमाल करने का आग्रह किया, जिससे इन फसलों के अतिरिक्त स्टॉक में कटौती होगी और कीमतों को गिरने से रोका जा सकेगा। साथ ही किसानों के लिए वैकल्पिक आय के रास्ते खुलेंगे। सरकार अधिशेष चावल से इथेनॉल उत्पादन की अनुमति देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने किसानों के भय को दूर करने की कोशिश की और स्पष्ट किया की, अनुबंध खेती (कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग) से बड़ी कंपनिया किसानों की जमीन नही छीन सकती।

इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के आइडिया एक्सचेंज प्रोग्राम में उन्होंने कहा की, जैसे ही आप किसी ओला या उबर वाहन में यात्रा करके किसी कार के मालिक नही बन जाते, ठीक उसी तरह से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करने वाली कंपनिया किसानों के खेत की मालिक नही बनेगी। खेत के बारे में भ्रम जानबूझकर पैदा किए जा रहे हैं। बिल किसानों को विभिन्न कानूनों से मुक्त करते हैं और उन्हें अपनी फसलों को अपनी मर्जी से बेचने की अनुमति देते हैं।

फाइनेंसियल एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चावल से इथेनॉल उत्पादन पर सरकारी अधिकारियों का कहना है कि, अगर प्रस्ताव को अंतिम रूप से लागू किया जाता है, तो यह पहली बार होगा कि देश जैव ईंधन के निर्माण के लिए मानव उपभोग के लायक अनाज का उपयोग करेगा।

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