बेलगावी : सरकारद्वारा गन्ना उत्पादकों के मुद्दों का समाधान नहीं किया है, इसीलिए दिसंबर के लिए निर्धारित शीतकालीन सत्र में बाधा डालने की सरकार को चेतावनी दी है। गुरुवार को डीसी कार्यालय के परिसर में विभिन्न किसान संगठनों द्वारा आयोजित विरोध में भाग लेने वाले कर्नाटक राज्य रायठा संघ के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. गंगाधर ने कहा, हम देखेंगे कि कैसे मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सुवर्ण विधान सुधा में प्रवेश करते है।
गंगाधर ने कहा कि, चीनी मिलों के प्रबंधन से किसानों को दबाया जा रहा है, जो मिलें प्रभावशाली राजनेताओं द्वारा संचालित हैं। उन्होंने कहा कि, सरकार उन किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करती है जो विरोध प्रदर्शन करते हैं लेकिन किसानों को उनकी देनदारियों का भुगतान न करने के लिए चीनी मिलों के प्रबंधन पर कभी कारवाई नही करते हैं।
कर्नाटक गन्ना ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष कुरुबरु शांतकुमार ने कहा कि, वे निष्पक्ष लाभकारी मूल्य (एफआरपी) से कम दर स्वीकार नहीं करेंगे। महाराष्ट्र और गुजरात की तर्ज पर दरें तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि, गन्ने का पैसा 14 दिनों के भीतर किसानों को भुगतान किया जाना चाहिए।
डीसी एसबी बोम्मनहल्ली ने कहा कि, गन्ना आयुक्त की रिपोर्ट के अनुसार बेलगावी जिले में केवल एक कारखाने ने पिछले साल किसानों को अपनी देनदारियों का भुगतान किया था। उन्होंने कहा , कि शुगर मिलों को कीमतों को ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं। डीसी के जवाब से नाखुश, किसानों ने उनके खिलाफ जमकर नारे लगाए।