मुंबई : चीनी मंडी
किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के लंबित भुगतान के मुद्दे पर कई चीनी मिलों ने चीनी आयुक्त को झूठी रिपोर्ट जमा कर दी है। जिसमें कहा गया है कि पिछले सीजन के लिए किसानों को पूर्ण एफआरपी भुगतान किया गया है, जबकि वास्तव में कई किसानों को अभी तक पैसे नहीं मिलें हैं। ऐसी चीनी मिलों की राज्य चीनी आयुक्त कार्यालय द्वारा पूछताछ शुरू की गई है । इसमें दोषी पाए जानेवाली चीनी मिलों का क्रशिंग लाइसेंस बर्खास्त किया जा सकता है ।
स्वाभिमानी शेतकरी संघठन (एसएसएस) के अध्यक्ष किसान नेता सांसद राजू शेट्टी ने 2017-18 सीज़न के लिए एफआरपी भुगतान के विवरण मांगने के लिए महाराष्ट्र शुगर आयुक्त संभाजी कडू – पाटिल से पिछले हप्ते ही मुलाकात की। शेट्टी के अनुसार, अहमदनगर और महाराष्ट्र के उस्मानाबाद क्षेत्रों में उनके दौरे के दौरान, कई किसान शिकायत के साथ आगे आ गए हैं कि, उन्हें पिछले सीजन के लिए कुछ भुगतान प्राप्त नहीं हुए थे। उन्होंने चीनी मिल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिसने नकली रिपोर्ट जमा करने के बाद 2018-19 के चीनी मौसम के लिए एक क्रशिंग लाइसेंस प्राप्त किया। शेट्टी ने मांग की कि चीनी कमीशनर को प्रत्येक मिल से हलफनामा लेना चाहिए जिसने हर किसान को उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) देय राशि का भुगतान किया है।
चीनी कमीशनर ने राज्य के अपने नांदेड, औरंगाबाद, अहमदनगर, नागपुर, पुणे, कोल्हापूर और अमरावती के कार्यालओं को आदेश जारी करते हुए कहा है की, जी चीनी मिलों ने नकली रिपोर्ट जमा करके 2018-19 के चीनी मौसम के लिए एक क्रशिंग लाइसेंस प्राप्त किया, उनकी जांच की जाए, अगर इसमें कोई चीनी मिल दोषी पायी जाती है, तो उनपर कार्रवाई की जा सकती है ।