पुणे: नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन (एफएनसीसीआई) ने सीजन 2019-20 के लिए देश के सर्वश्रेष्ठ सहकारी चीनी मिलों के पुरस्कारों की घोषणा पुणे में की। श्रम मंत्री दिलीप वलसे -पाटिल की भीमाशंकर सहकारी चीनी मिल (पुणे) को प्रतिष्ठित वसंतदादा पाटिल पुरस्कार का ऐलान हुआ। साथ ही कोल्हापुर जिले की जवाहर शेतकरी सहकारी चीनी मिल और कुंभी कासारी मिल को भी पुरस्कार प्राप्त हुआ। कुल 21 पुरस्कारों में से, 9 पुरस्कारों के साथ महाराष्ट्र सबसे आगे है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन द्वारा घोषित पुरस्कार मार्च में प्रस्तुत किए जाएंगे। यह पुरस्कार समारोह 26 मार्च को गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के परिसर में वितरित किये जायेंगे। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री सांसद शरद पवार, केंद्रीय खाद्य राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे और अन्य राज्य मंत्री और चीनी उद्योग के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
पुरस्कारों की घोषणा ‘एफएनसीसीआई’ के अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगांवकर और प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने पुणे के शुगर कॉम्प्लेक्स में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में की। संजय खताल, प्रबंध निदेशक, राज्य चीनी मिल संघ इस अवसर पर उपस्थित थे। सर्वश्रेष्ठ गन्ना उत्पादन (उच्च उपज विभाग) के लिए पहला पुरस्कार डॉ पतंगराव कदम चीनी मिल (सोनहिरा, सांगली), अजिंक्यतारा मिल (सातारा), विघ्नहर मिल (पुणे), जी.डी. बापू लाड सहकारी चीनी मिल (सांगली) औए सह्याद्री मिल (कराड) को भी पुरस्कार मिला। साथ ही सर्वश्रेष्ठ वित्तीय प्रबंधन के लिए पहला पुरस्कार गुजरात के श्री नर्मदा खांड उद्योग और दूसरा पुरस्कार जालना से कर्मयोगी अंकुशराव टोपे समर्थ सहकारी मिल को गया।