नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े गन्ना उगाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी पेराई सत्र ने आधे रास्ते को पार कर लिया है और राज्य की 120 चीनी मिलों द्वारा 2 फरवरी तक 7,879 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान है, और वही पिछले साल 5,948 करोड़ रुपये बकाया था।
फाइनेंसियल एक्सप्रेस डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, राज्य का औसत भुगतान 46% है, क्योंकि 31 चीनी मिलों ने इस सीजन में भी भुगतान प्रक्रिया शुरू नहीं की है। इन 31 मिलों में से 11 मिलें सहकारी क्षेत्र की हैं, 10 मिलें बजाज हिंदुस्तान की हैं, तीन सिंघौली शुगर्स की हैं, 2 मिलें मोदी शुगर्स और यदु ग्रुप की हैं और एक-एक शामली, गडोरा और कैप्टनगंज की हैं। ख़ास बात यह है कि राज्य की 24 सहकारी मिलों ने अपने बकाया का केवल 11% भुगतान किया है। जबकि इन 24 मिलों का कुल गन्ना बकाया 1,006 करोड़ रुपये है, लेकिन वे अब तक केवल 121 करोड़ रुपये का भुगतान करने में सफल रहे हैं।