लखनऊ: प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना विकास विभाग द्वारा प्रदेश की चयनित 149 में से 126 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मेकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेन्ट ऑफ क्रॉप रेज्डियू योजनान्तर्गत रू. 5 लाख तक की लागत के फसल अवशेष प्रबंधन यंत्रों के फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किये जाने हेतु कृषि विभाग द्वारा अनुदान की राशि अवमुक्त की जा चुकी है। इन 126 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्रों को क्रय करके फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किया जा चुका है एवं पंजीकृत गन्ना कृषक सदस्यों को बेहद न्यूनतम किराये की दर पर ये यंत्र उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
इस संबंध में अग्रेतर जानकारी देते हुए श्री भूसरेड्डी ने बताया कि इस योजना की सफलता से उत्साहित होकर विभाग द्वारा बरेली, अयोध्या एवं देवीपाटन, मण्डल की शेष 23 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में भी उक्त योजना लागू किये जाने हेतु प्रक्रिया शुरु कर दी गयी है।
उन्होंने यह भी बताया कि कृषि विभाग द्वारा संचालित ‘स्मैम योजना’ के अन्तर्गत 126 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों में रू. 10 लाख तक की लागत के कृषि यंत्रों (ट्रैक्टर सहित) से फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किये जाने हेतु प्रक्रिया भी कृषि विभाग के स्तर पर गतिमान है, जिसके फलस्वरूप प्राप्त होने वाली अनुदान की धनराशि से फार्म मशीनरी बैंकों हेतु अत्याधुनिक कृषि यंत्र क्रय किये जायेंगे।
यह भी उल्लेखनीय है कि फार्म मशीनरी बैंक से जहाँ एक ओर फसलों के अवशेषों का समुचित प्रबंधन सुनिश्चित होगा, वहीं दूसरी ओर गन्ने की खेती में अत्याधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग से गन्ना किसानों की आय में वृद्धि होगी एवं समितियों से फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र व कृषि यंत्रों को न्यूनतम किराये पर प्राप्त कर गन्ना किसान दोगुना लाभ प्राप्त कर सकेंगे।