मुंबई: भारत में चीनी निर्यात 12% से कमी हो सकती है, क्योंकि कंटेनर की कमी से व्यापार धीमा हो गया है। 2021 की पहली छमाही के दौरान भारत से कम निर्यात, प्रतिद्वंद्वी ब्राजील को वर्ष की दूसरी छमाही में निर्यात बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है।
रायटर्स न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाईकनवरे ने कहा कि, कंटेनर की कमी हमारे निर्यात को सीमित कर रही है। हमने लगभग 3 मिलियन टन के लिए निर्यात अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन केवल 1 मिलियन टन चीनी निर्यात के लिए कंटेनर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि, भारत 2020-21 सीजन में 5 मिलियन टन चीनी का निर्यात कर सकता है, जो पिछले साल के 5.7 मिलियन टन से कम है।
यह सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य से कम है क्योंकि चालू वर्ष में 6 मिलियन टन के निर्यात के लिए 5,833 रुपये प्रति टन की सब्सिडी को मंजूरी दी है। नवंबर से कंटेनरों की कमी का अनुभव किया जा रहा है। 2021 की पहली छमाही के लिए यह कमी बनी रहने की संभावना है, जब पारंपरिक रूप से भारत अपने अधिकांश चीनी निर्यात करता है। जनवरी 2021 में भारत ने मुख्य रूप से अफगानिस्तान, अफ्रीकी देशों, इंडोनेशिया और श्रीलंका को लगभग 300,000 टन चीनी का निर्यात किया, जो जनवरी 2020 के 700,000 टन से कम है।