अंबाला : गन्ना किसानों ने चेतावनी दी है कि, यदि फरवरी तक का बकाया भुगतान नहीं किया गया, तो वह अपनी उपज 8 मार्च से नारायणगढ़ चीनी मिल को देना बंद कर देंगे और इसके प्रबंधन को 10 मार्च को परिचालन बंद करने के लिए बाध्य करेंगे। यह निर्णय नारायणगढ़ में आयोजित एक पंचायत में लिया गया।भारतीय किसान यूनियन (चारुनी) के बैनर तले किसान चीनी मिल के बाहर एकत्र हुए और अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाए। उन्होंने 10 मार्च को महापंचायत आयोजित करने का भी फैसला किया। मिल में गन्ना पहुंचाने वाले 5,000 से अधिक किसानों को बकाया का इंतजार है।
बीकेयू (चारुनी) के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा, इस सीजन में अब तक पेराई के लिए लगभग 124 करोड़ रुपये का गन्ना मिल को दिया जा चुका है, और करीब 101 करोड़ रुपये का बकाया है। इतना ही नही पिछले सीज़न के लगभग 9 करोड़ रुपये के पोस्ट डेटेड चेक भी लंबित हैं। जिला बीकेयू (चारुनी) के प्रमुख मलकीत सिंह ने कहा, पिछले साल नवंबर में पेराई सत्र शुरू हुआ था। मानदंडों के अनुसार, गन्ने की खरीद के 14 दिनों के भीतर भुगतान को मंजूरी देनी होगी। लेकिन अब तक केवल 16 दिसंबर तक का भुगतान किया गया है।
ट्रिब्यून इंडिया डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, नारायणगढ़ एसडीएम वैशाली शर्मा ने कहा, जिला प्रशासन ने 16 दिसंबर तक 24 करोड़ रुपये का बकाया जमा कर दिया है। मिल के पास 39 करोड़ रुपये का स्टॉक है, लेकिन चीनी की बिक्री के लिए बाजार की स्थिति प्रतिकूल है। यही कारण है कि स्टॉक क्लियर होने में समय लग रहा है। मिल ने स्टॉक खरीदने के लिए शाहाबाद शुगरमिल एमडी को लिखा है, और सकारात्मक प्रतिक्रिया का इंतजार है। मिल ने बकाया चुकाने के लिए 25 करोड़ रुपये के ऋण के लिए आवेदन किया है। मिल संचालन रोकना कोई समाधान नहीं है।