नई दिल्ली: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कृषि में विशेष रूप से अनुसंधान और विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया। बजट 2021 के कार्यान्वयन पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए निजी क्षेत्र द्वारा बहुत योगदान दिया गया है, लेकिन अब कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी और बढ़ाने का समय है। यह भागीदारी केवल बीजों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि एक फसल के संपूर्ण चक्र से जुडी भागिदारी होनी चाहिए।
कॉन्ट्रैक्ट फ़ार्मिंग पर चिंताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि, कॉन्ट्रैक्ट फ़ार्मिंग किसी न किसी रूप में लंबे समय से की जा रही है। हमारी कोशिश यह होनी चाहिए कि, कॉन्ट्रैक्ट फ़ार्मिंग केवल एक व्यवसाय न बन जाए बल्कि हमें उस ज़मीन के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को भी पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, हमें आधुनिक तकनीक के साथ सबसे छोटे किसानों की मदद करने पर भी ध्यान देना चाहिए। एक उदाहरण का हवाला देकर उन्होंने कहा, जैसे हमारे पास रक्त परीक्षण के लिए एक नेटवर्क है, हमारे पास मिट्टी परीक्षण के लिए एक नेटवर्क होना चाहिए।
केंद्रीय बजट 2021 में कृषि क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों का समर्थन करते हुए उन्होंने दोहराया कि उनकी सरकार किसानों के हित में काम कर रही है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 16.50 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है।