कोल्हापुर: महाराष्ट्र में फरवरी-अंत तक 183 चीनी मिलों में से केवल 79 ने अब तक एफआरपी का शत प्रतिशत भुगतान किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चीनी आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, गन्ना पेराई में शामिल 183 चीनी मिलों द्वारा 16,275 करोड़ रुपये भुगतान करना जरुरी हैं। डेटा से पता चलता है कि, फरवरी-अंत तक केवल 79 मिलों ने 13,917 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, जबकि 2,367 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना बाकी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मिलें कई वित्तीय और अन्य कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद भुगतान कर रही हैं। 15 फरवरी तक बकाया राशि 2,535 करोड़ रुपये थी, जो महीने के अंत तक घटकर 2,367 करोड़ रुपये पर आ गई। 38 मिलों ने पिछले महीने के अंत तक 80-99% बिलों का भुगतान किया था। आंकड़ों के अनुसार 36 चीनी मिलों ने 60-79% भुगतान किया है। 39 मिलों ने किसानों को 60% से कम का भुगतान किया है।
पिछले साल 141 चीनी मिलें पेराई गतिविधियों में शामिल थीं और इस सीजन में यह संख्या बढ़कर 187 हो गई। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि, महाराष्ट्र ने लगभग 832 लाख टन गन्ने की पेराई की और फरवरी के अंत में 856 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया। अनुमान के मुताबिक, अभी भी लगभग 200 लाख टन गन्ने की पेराई की जानी है।