मुजफ्फरनगर :एक तरफ तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर हजारों किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर 100 दिन से घेराबंदी की है, तो दूसरी तरफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई किसानों को अपनी गन्ना फसल मिलों तक ले जाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। धामपुर चीनी मिल से बमुश्किल दो किलोमीटर की दूरी पर, बुढाना तहसील में भोपाड़ा तौल पैमाने के पास लगभग एक सौ ट्रैक्टर-ट्रॉलीयां खड़ी है, जिनमें से प्रत्येक में औसतन 300 क्विंटल गन्ना लदा है।
कुटबा गांव के रहने वाले रोहित बाल्यान कहते हैं, दो दिन हो गए हैं जब से मैं इस तौल का इंतज़ार कर रहा हूं और ऐसा लग रहा है कि मेरा काम पूरा होने के लिए और दो दिन लगेंगे ताकि मैं अपना स्टॉक चीनी मिल तक ले जा सकूं। 21 वर्षीय बाल्यान ने कहा, तौल पर लंबे समय तक इंतजार करने से किसानों का नुकसान होता है,क्योंकि धूप में गन्ना सूखने लगता है और वजन थोड़ा कम हो जाता है।
मुज़फ्फरनगर के एक चीनी मिल अधिकारी ने बताया कि, वेटिंग के दौरान गन्ने का वजन बस कुछ कम होता है, लेकिन किसानों का दावा है की यह उनके लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि उनकी कमाई हजारों रुपये कम हो जाती है।